कल से मन बहुत दुखी है ,हैरान है परेशान है,समझ नहीं आ रहा है,समाज कहाँ जा रहा है मानव मानव नहीं रहा दानव हो गया है। बलात्कार की घटनाये नयी नहीं है हर युग में होती रही है,मैंने ख़ुद as a gynaecologist ,rape cases deal किये है ,पर Delhi gang rape के बाद जो media coverage हुआ public का ग़ुस्सा सामने आया उससे लगा शायद कुछडर एेसे लोगों को लगेगा व ऐसी घटनाये कम होगी ,पर जो अभी हुआ सिर्फ़ पाँच साल की बच्ची -----------
यह मानसिक विकृति है ,बीमारी है ,इसका समाधान सरकार या पुलिस के भरोसे नहीं होगा स्वयं सेवी संस्थाओं को आागे आना होगा ,महिलाओं को अपना डर ,शर्म ,झिझक,दया,सब छोड़ कर मज़बूत दिल कर के कठोर निर्णय लेने होंगे !उन्हे आगे आना होगा,उन्हे अपने घर ,परिवार,पड़ोस ,मोहल्ले ,काम काज की जगह,जहाँ भी गन्दी मानसिकता वाले लोग दिखे ,उन्हे सबके सामने लाना होगा,चाहे वे आपके अपने ही हो,उन पर नज़र रखनी होगी और इससे पहले कि वे किसी मासूम का जीवन बरबाद कर सके उन्हे दबोचना होगा ,सामाजिक बहिष्कार करना होगा ।सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर ऐसी समस्याओं का समाधान खोजना होगा ,गली कूचों में शाम के समय,अंधेरा होते ही जो असमाजिक तत्व सक्रिय हो जाते है शराबी,कबाबी ,इकट्ठा होकर घिनौनी हरकतों की योजना बनाते है ,स्त्रियों का वहाँ से गुज़रना ख़तरनाक हो जाता है,उन्हे (असमाजिक तत्वों ) को,वो भी किसी के परिवार जन है पकड़ कर समाज के सामने लाना पड़ेगा ,उन को black list करके उनके posters लगाने होगें ।हम अब सरकार या पुलिस के भरोसे बैठ कर ,नयी नयी घटनाये के होने का इंतज़ार करते रहें व फिर टी वी पर बैठ कर चर्चाएँ करते रहें यह उचित नहीं है ।अब सबको मिल कर ,टीम वर्क करके ,बच्चियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेनी होगी ।
यह मानसिक विकृति है ,बीमारी है ,इसका समाधान सरकार या पुलिस के भरोसे नहीं होगा स्वयं सेवी संस्थाओं को आागे आना होगा ,महिलाओं को अपना डर ,शर्म ,झिझक,दया,सब छोड़ कर मज़बूत दिल कर के कठोर निर्णय लेने होंगे !उन्हे आगे आना होगा,उन्हे अपने घर ,परिवार,पड़ोस ,मोहल्ले ,काम काज की जगह,जहाँ भी गन्दी मानसिकता वाले लोग दिखे ,उन्हे सबके सामने लाना होगा,चाहे वे आपके अपने ही हो,उन पर नज़र रखनी होगी और इससे पहले कि वे किसी मासूम का जीवन बरबाद कर सके उन्हे दबोचना होगा ,सामाजिक बहिष्कार करना होगा ।सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर ऐसी समस्याओं का समाधान खोजना होगा ,गली कूचों में शाम के समय,अंधेरा होते ही जो असमाजिक तत्व सक्रिय हो जाते है शराबी,कबाबी ,इकट्ठा होकर घिनौनी हरकतों की योजना बनाते है ,स्त्रियों का वहाँ से गुज़रना ख़तरनाक हो जाता है,उन्हे (असमाजिक तत्वों ) को,वो भी किसी के परिवार जन है पकड़ कर समाज के सामने लाना पड़ेगा ,उन को black list करके उनके posters लगाने होगें ।हम अब सरकार या पुलिस के भरोसे बैठ कर ,नयी नयी घटनाये के होने का इंतज़ार करते रहें व फिर टी वी पर बैठ कर चर्चाएँ करते रहें यह उचित नहीं है ।अब सबको मिल कर ,टीम वर्क करके ,बच्चियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेनी होगी ।